कुम्भ लग्न की कुंडली में गजकेसरी योग – gajkesari yoga consideration in aquarius/kumbh

कुम्भ लग्न की कुंडली में गजकेसरी योग – Gajkesari yoga Consideration in Aquarius/Kumbh

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  • कुम्भ लग्न की जन्मपत्री में चंद्र षष्ठेश ( रोगेश ) होने के साथ साथ लग्नेश शनि के शत्रु भी हैं, एक अकारक गृह गिने जाएंगे । साथ ही गुरु द्वितीयेश, एकादशेश हैं, दो शुभ स्थानों के स्वामी होने की वजह से एक योगकारक गृह बनेंगे । जहाँ गुरु अपनी दशाओं में शुभ फल प्रदान करते हैं, वहीँ चंद्र शुभ फलों में कमी लाने वाले गृह की भूमिका निभाते हैं । कुम्भ लग्न की जन्मपत्री में किसी भी भाव में गजकेसरी योग नहीं बनेगा ।




    कुम्भ लग्न की कुंडली में प्रथम भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in first house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    प्रथम भाव में अकारक चन्द्र जातक का स्वास्थ्य खराब करते हैं, मानसिक रूप से जातक परेशान रहता है । सातवें भाव को देखते हैं तो उसे भी खराब करते हैं । वहीँ गुरु की दशाओं में पहले, पांचवें, सातवें और नौवें भाव सम्बन्धी शुभ फलों में बढ़ौतरी होती है । चन्द्र्गुरु की युति से कोई योग नहीं बनता ।

    कुम्भ लग्न की कुंडली में द्वितीय भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in second house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    चंद्र की दशाओं में धन का आभाव रहता है, परिवार का साथ नहीं मिलता, हर काम में रुकावटें आती हैं, कोई परिवारजन अस्वस्थ होता है । नौकरी में परेशानियां भी आती रहती हैं । गुरु की दशाओं में धन का आगमन होता है, प्रतियोगिता परीक्षा में विजय के योग बनते हैं ।

    कुम्भ लग्न की कुंडली में तृतीय भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in third house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    यहाँ गुरु चंद्र परिश्रम में वृद्धिकारक हो जाते हैं, दोनों ग्रहों की दशाओं में परिश्रम में वृद्धि होती है । चंद्र के अन्य भावों के साथ दृष्टिसंबन्धों से भी अशुभ फल प्राप्त होते हैं । गुरु की दशाओं में मेहनत का फल प्राप्त होता है, जातक पिता व् गुरुजनों का सम्मान करता है, धार्मिक यात्राएं होती हैं, विदेश यात्राओं के योग भी बनते हैं । लाभ होता है ।

    कुम्भ लग्न की कुंडली में चतुर्थ भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in fourth house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    चन्द्र की दशाओं में माता से अनबन रहती है, जातक को परिवार का साथ प्राप्त नहीं होता, सुख सुविधाओं में कमी आती है । मकान, वाहन से परेशानी आती है । नौकरी व्यापार में भी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं । गुरु की दशाएँ सुखों में वृद्धिकारक होती हैं, नए मकान, वाहन का योग बनता है, नौकरी अथवा व्यवसाय अथवा दोनों में उन्नति होती है ।

    कुम्भ लग्न की कुंडली में पंचम भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in fifth house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    चंद्र की दशाओं में जातक की विल पावर कमजोर होती है, स्वास्थ्य खराब, बड़े भाई बहन से अनबन रहती है, मानसिक रूप में जातक अस्वस्थ रहता है, पुत्री का योग बनता है । गुरु या चंद्र में से जिसका बल अधिक हो उस गृह से सम्बंधित संतान के योग प्रबल रहते हैं । गुरु की दशाओं में उच्च शिक्षा के, किसी विषय में रिसर्च के योग बनते हैं, बड़े भाई बहन से खूब अच्छी निभती है, धन लाभ होता है, स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है ।

    कुम्भ लग्न की कुंडली में छठे भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in sixth house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    त्रिक भावों में कोई योग नहीं बनता । कोर्ट केस में भी पैसा व्यय होने के चान्सेस बनते हैं । नौकरी/व्यापार में पैशानियाँ बढ़ती हैं । लाभ में कमी आती है, व्यय होता रहता है । विपरीत राजयोग की स्थिति में चंद्र शुभ फलदायक होते हैं ।

    कुम्भ लग्न की कुंडली में सातवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in seventh house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    चंद्र की दशाओं में व्यापार से हानि के योग बनते हैं, स्वास्थ्य खराब रहता है । साझेदारी के व्यापार से घाटा होता है । पार्टनर्स से नहीं बनती, स्वयं का मन भी खिन रहता है । गुरु की दशाएं शुभफलदायी होती हैं । स्वास्थ्य उत्तम रहता है, परिश्रम से लाभ होता है ।

    कुम्भ लग्न की कुंडली में आठवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in eighth house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    आठवाँ भाव त्रिक भाव में से एक होता है, शुभ नहीं कहा जाता है । इस भाव में गुरु चंद्र की युति से कोई योग नहीं बनता है । दोनों ग्रहों की दशाओं में जातक मृत्यु तुल्य कष्ट भोगता है । केवल विपरीत राजयोग की स्थिति में गुरु शुभ फल प्रदान करता है ।



    कुम्भ लग्न की कुंडली में नौवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in ninth house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    चंद्र की दशाओं में पिता से नहीं बनती, परिश्रम का फल बहुत अल्प मात्रा में प्राप्त होता है, यात्राओं से लाभ नहीं होता है । गुरु की दशाओं में परिश्रम का उत्तम फल प्राप्त होता है, जातक धार्मिक यात्राएं करता है, इस समय ईष्ट देवी देवता भी जातक की सहायता करते हैं । भाग्य साथ देता है ।

    कुम्भ लग्न की कुंडली में दसवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in tenth house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    नीच के चन्द्रमा की दशाओं में काम काज ठप होने के योग बनते हैं, पारिवारिक सुख में कमी आती है, धन का आभाव रहता है, प्रतियोगिता परीक्षा में सफल होने के लिए जी तोड़ परिश्रम करना पड़ता है । गुरु की दशाएं बहुत शुभ फलदायक रहती हैं ।

    कुम्भ लग्न की कुंडली में ग्यारहवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in eleventh house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    गुरु की दशाओं में पुत्र का योग अवश्य बनता है, अचानक धन लाभ होने के योग भी बनते हैं, जातक को परिश्रम का उचित फल अवश्य प्राप्त होता है । चंद्र की दशाओं में अचानक हानि होती है, पुत्री का योग बनता है । संतान के अस्वस्थ होने का योग भी बनता है ।

    कुम्भ लग्न की कुंडली में बारहवें भाव में गजकेसरी योग Gajkesari yoga in twelth house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

    बारहवां भाव त्रिक भावों में से एक होता है, शुभ नहीं माना जाता है । दोनों ग्रहों की दशाओं में व्यर्थ का व्यय लगा ही रहता है । कोर्ट केस में धन व्यय होने के योग बनते हैं । चंद्र यदि विपरीत राजयोग बना लें तो शुभ फलदाय हो जाते हैं ।

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