साईं बुल्ले शाह (Sai Bulleh Shah) सूफी पंजाबी संतों के आसमान का ऐसा सितारा जिसकी चमक से पाषाण हृदय शक्शियत को भी परमात्मा की झलक मिल जाये। सादगी की ऐसी गरिमा की महलों की चकाचौंध भी फीकी पड़ जाए। भारत या पकिस्तान का शायद ही कोई बाशिंदा हो जो बुल्ले शाह जैसी रूहानी शक्शियत से … Continue reading
भारत में प्रचलित देवी-देवताओं की कहानियों का इतिहास वैदिक काल से भी पुरातन माना गया है। वेदों में सूर्य (Surya) को जगत की आत्मा कहा गया है। भारतीय मनीषियों ने सूर्य के महत्व को जानकार सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन माना है। भारत में पुरातन काल से सूर्य ग्रह को देवता का दर्जा … Continue reading
साईं बाबा (Sai Baba) की ही माया है कि उनके जन्म को लेकर कोई भी पुख्ता प्रमाण मौजूद नहीं है। जब कभी उनके जन्म के सम्बन्ध में कुछ भी पूछा जाता बाबा बड़े ही रहस्य्मय तरीके से टाल जाते थे। प्रचलित मान्यता के अनुसार साईं बाबा का जन्म सन 1835 में महाराष्ट्र के परभणी जिले … Continue reading
संत कबीर (Sant Kabir) के माता – पिता और जन्म से सम्बंधित कोई भी निश्चित प्रमाण मौजूद नहीं है, हाँ प्रचलित धारणा के अनुसार उनका जन्म सन 1398 ई. में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन काशी के निकट लहराता नामक स्थान पर हुआ था। माना जाता है कबीर का पालन – पौषण नीरू और नीमा नामक … Continue reading
ॐ श्री गणेशाय नमः… भारत में ज्योतिष विज्ञान एक पूर्ण विकसित विज्ञान के रूप में प्रतिष्ठित है। करीब आठ सौ साल की दासता के बाद भी ज्योतिष की चमक कतई फीकी नहीं पड़ी, वरन इस देव विधा को पश्चिम के विष्वविधालयों में भी ससम्मान स्वीकार किया गया है। आज सैकड़ों विद्यार्थी इस विषय पर अनुसंधान … Continue reading
हिन्दू मैथोलॉजी (Hindu Mythology) में आदिवासी शबरी को एक कोमल ह्रदय भक्त के रूप में जाना जाता है, जिनके झूठे बेर स्वयं श्री राम (Shri Ram) ने बड़े ही प्रेम से खाये थे। राम भक्त शबरी (Ram Bhakat Shabri) एक आदिवासी भील की पुत्री थी। इन आदिवासियों की एक प्रथा के अनुसार किसी भी शुभ … Continue reading
ॐ श्री गणेशाय नमः । सामान्यतः यदि लग्न कुंडली (Lagan Kundali) में कोई गृह अपनी नीच राशि में स्थित हो तो उसे अशुभ मान लिया जाता है। ऐसी धारणा बन जाती है की ये गृह अपनी महादशा अथवा अन्तर्दशा (Mahadasha and Antardasha) में विभिन्न प्रकार की समस्याएं जरूर उत्पन्न करेगा, जातक को प्रताड़ित करेगा और … Continue reading
भक्ति का साकार रूप हैं रामकृष्ण परमहंस (Ramakrishna Paramahamsa), संतों में संत शिरोमणि हैं रामकृष्ण, अपनी भक्ति की शक्ति से निराकार को साकार में रूपांतरित कर दे ऐसे दिव्य साधक – सरल चित्त, परम ज्ञानी हैं रामकृष्ण। जिनके छु भर लेने से साधारण जन को सत चित्त आनंद की अनुभूति हो जाए ऐसे चेतना के … Continue reading
वृहस्पति गृह वैदिक ज्योतिष में देवताओं के भी गुरु के रूप में प्रतिष्ठित हैं । यूँ तो कुंडली के पांच भावों के कारक गुरु एक सौम्य, देव ग्रह है , लेकिन मान ऐसा है की भरी सभा में प्रवेश करें तो राजा को भी उठ कर स्वागत करना पड़े। ज्ञान के प्रतीक गुरु सभी प्रकार … Continue reading
सुंदरता के प्रतीक शुक्र देवता को ऐशो आराम, शैया सुख, कामुकता, चमक, इत्र आदि सभी प्रकार की सुख समृद्धि व् साधनो का कारक माना जाता है । शुक्र वृष एवं तुला राशि का स्वामी है । मीन राशि शुक्र की उच्च व् कन्या नीच राशि है । इसकी महादशा सभी ग्रहों में सबसे अधिक 20 … Continue reading