मिथुन लग्न की कुंडली में शुक्र – mithun lagn kundali me shukra

मिथुन लग्न की कुंडली में शुक्र – Mithun Lagn Kundali me Shukra

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  • ज्योतिष विशेष, लग्न विचार
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  • दैत्य गुरु शुक्र सुंदरता, सौम्यता और सभी प्रकार की लक्ज़री और सुख सुविधा प्रदान करने वाले गृह के रूप में जाने जाते हैं । लग्न कुंडली के चौथे भाव में शुक्र को दिशा बल मिलता है । जिस जातक की कुंडली में शुक्र बलवान होता है उस पर माँ दुर्गा की विशेष कृपा जाननी चाहिए । मिथुन लग्न की कुंडली में अगर शुक्र बलवान ( डिग्री से भी ताकतवर ) होकर शुभ स्थित हो तो अधिकतर शुभ फ़ल ही प्राप्त होते हैं । इसके विपरीत लग्न कुंडली में शुक्र डिग्री में ताकतवर न हो तो इसकी शुभता में कमी आती है । इस लग्न कुंडली में शुक्र पंचमेश, द्वादशेश होते हैं, अतः एक कारक गृह हैं । शुक्र सप्तम और द्वादश भाव के कारक हैं और 12वें भाव में शुक्र दिग्बली होते है । आइये जानते हैं मिथुन लग्न की कुंडली के 12 भावों में शुक्र कैसे परिणाम देते हैं :

    मिथुन लग्न – प्रथम भाव में शुक्र – Mithun Lagan – Shukra pratham bhav me :

    जातक बुद्धिमान , रूपवान होता है । पति / पत्नी सुंदर मिलता है । शुक्र की महादशा में साझेदारी में लाभ और संतान का योग बनता है । जातक थोड़ा खर्चीला होसकता है ।




    मिथुन लग्न – द्वितीय भाव में शुक्र – Mithun Lagan – Shukra dwitiya bhav me :

    मधुर वाणी होती है । कुटुंब का सहयोग मिलता है । जातक अपनी वाणी , योग्यता से सभी रुकावटें दूर करने में सक्षम होता है ।

    मिथुन लग्न – तृतीय भाव में शुक्र- Mithun Lagan – Shukr tritiy bhav me :

    जातक मेहनती होता है , छोटी बहन का योग बनता है । पितृ भक्त , धर्म को मानने वाला और देस विदेश की यात्राएं करने वाला होता है ।

    मिथुन लग्न – चतुर्थ भाव में शुक्र- Mithun Lagan – Venus chaturth bhav me :

    कन्या शुक्र की नीच राशि है । अतः शुक्र की महादशा – अंतर्दशा में सुख सुविधाओं के साधन जुटाने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है , माता के सुख मेंभी कमी आती है। प्रोफेशनल लाइफ अच्छी नहीं रहती है ।

    मिथुन लग्न – पंचम भाव में शुक्र- Mithun Lagan – Shukr pancham bhav me :

    जातक का दिमाग बहुत अच्छा होता है , निर्णय क्षमता बहुत बेहतर होती है , पेट स्वस्थ रहता है , बड़े भाई बहनों से लाभ मिलता है , अचानक लाभ की संभावनाबनती है ।

    मिथुन लग्न – षष्टम भाव में शुक्र- Mithun Lagan – venus shashtm bhav me :

    प्रतियोगिता में जीत बहुत मेहनत के बाद ही मिलती है , कोर्ट केस होना , संतान का बीमार होना लगा रहता है । शुक्र की महादशा में स्वयं का मन विचलित रहता है , कोई ना कोई खर्चा होता ही रहता है ।



    मिथुन लग्न – सप्तम भाव में शुक्र- Mithun Lagan – Shukra saptam bhav me :

    पति / पत्नी सुंदर और बुद्धिमान मिलता है । दाम्पत्य जीवन सुखी रहता है । शुक्र की महादशा में साझेदारी में लाभ का योग बनता है ।

    मिथुन लग्न – अष्टम भाव में शुक्र- Mithun Lagan – Shukra ashtam bhav me :

    हर काम में रुकावट, देरी होती है, धन की कमी रहती है, कुटुंब का साथ नहीं मिलता है, बीमारियां लग सकती हैं । संतान को कष्ट होता है , बुद्धि साथ नहीं देती, धन की हानि होतई है कुटुंब और खुद का परिवार भी साथ नहीं देता है ।

    मिथुन लग्न – नवम भाव में शुक्र- Mithun Lagan – Shukr navam bhav me :

    जातक पितृ भक्त , आस्तिक , विदेश यात्रा करने वाला , छोटे भाई बहन का ध्यान रखने वाला , बहुत मेहनती होता है ।

    मिथुन लग्न – दशम भाव में शुक्र – Mithun Lagan – Shukr dasham bhav me :

    दसवें घर में आने से जातक सुख सुविधाओं से परिपूर्ण होता है , माता का सुख प्राप्त करता है। नौकरी / बिज़नेस में तरक्की होती है ।

    मिथुन लग्न – एकादश भाव में शुक्र – Mithun Lagan – Venus ekaadash bhav me :

    बड़े भाई बहन से लाभ मिलता है , सभी इच्छाएं पूरी होती हैं । शुक्र महादशा में पुत्री प्राप्ति का योग बनता है ।

    मिथुन लग्न – द्वादश भाव में शुक्र- Mithun Lagan – Shukr dwadash bhav me :

    जातक शैया सुख प्राप्त करने वाला, खर्चीला होता है । दिग्बली होने से ऐसे जातक को सभी सुख सुविधाएँ प्राप्त होती हैं । यहां स्थित शुक्र अपनी महादशा -अंतर्दशा में अधिकतर शुभ फल ही प्रदान करता है ।

    इस लग्न कुंडली में शुक्र रत्न हीरा धारण किया जा सकता है यदि शुक्र 3, 4, 6, 8, 12 वे भाव में स्थित न हो । कुंडली का उचित विश्लेषण आवश्य करवाएं तदुपरांत ही किसी उपाय को अपनाएँ । शुक्र के फलों में बलाबल के अनुसार कमी या वृद्धि जाननी चाहिए ।

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