लग्न विचार

कुम्भ लग्न की कुंडली में केतु – Kumbh Lagn Kundali me Ketu

वैदिक ज्योतिष में केतु को एक मोक्षकारक पापी , क्रूर , छाया गृह के रूप में देखा जाता है । जहां एक तरफ केतु को आध्यात्मिकता का कारक कहा गया है , वहीं केतु तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना, अंतर्दृष्टि, मर्मज्ञता, विक्षोभ के भी कारक है। इन्हें मंगल देवता जैसे परिणाम देने वाला भी कहा … Continue reading

धनु लग्न की कुंडली में केतु – Dhanu Lagn Kundali me Ketu

वैदिक ज्योतिष में केतु को एक मोक्षकारक पापी , क्रूर , छाया गृह के रूप में देखा जाता है । जहां एक तरफ केतु को आध्यात्मिकता का कारक कहा गया है , वहीं केतु तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना, अंतर्दृष्टि, मर्मज्ञता, विक्षोभ के भी कारक है। इन्हें मंगल देवता जैसे परिणाम देने वाला भी कहा … Continue reading

मकर लग्न की कुंडली में केतु – Makar Lagn Kundali me Ketu

वैदिक ज्योतिष में केतु को एक मोक्षकारक पापी , क्रूर , छाया गृह के रूप में देखा जाता है । जहां एक तरफ केतु को आध्यात्मिकता का कारक कहा गया है , वहीं केतु तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना, अंतर्दृष्टि, मर्मज्ञता, विक्षोभ के भी कारक है। इन्हें मंगल देवता जैसे परिणाम देने वाला भी कहा … Continue reading

वृश्चिक लग्न की कुंडली में केतु – Vrishchik Lagn Kundali me Ketu

वैदिक ज्योतिष में केतु को एक मोक्षकारक पापी , क्रूर , छाया गृह के रूप में देखा जाता है । जहां एक तरफ केतु को आध्यात्मिकता का कारक कहा गया है , वहीं केतु तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना, अंतर्दृष्टि, मर्मज्ञता, विक्षोभ के भी कारक है। इन्हें मंगल देवता जैसे परिणाम देने वाला भी कहा … Continue reading

तुला लग्न की कुंडली में केतु – Tula Lagn Kundali me Ketu

वैदिक ज्योतिष में केतु को एक मोक्षकारक पापी , क्रूर , छाया गृह के रूप में देखा जाता है । जहां एक तरफ केतु को आध्यात्मिकता का कारक कहा गया है , वहीं केतु तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना, अंतर्दृष्टि, मर्मज्ञता, विक्षोभ के भी कारक है। इन्हें मंगल देवता जैसे परिणाम देने वाला भी कहा … Continue reading

कन्या लग्न की कुंडली में केतु – Kanya Lagn Kundali me Ketu

वैदिक ज्योतिष में केतु को एक मोक्षकारक पापी , क्रूर , छाया गृह के रूप में देखा जाता है । जहां एक तरफ केतु को आध्यात्मिकता का कारक कहा गया है , वहीं केतु तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना, अंतर्दृष्टि, मर्मज्ञता, विक्षोभ के भी कारक है। इन्हें मंगल देवता जैसे परिणाम देने वाला भी कहा … Continue reading

सिंह लग्न की कुंडली में केतु – Singh Lagn Kundali me Ketu

वैदिक ज्योतिष में केतु को एक मोक्षकारक पापी , क्रूर , छाया गृह के रूप में देखा जाता है । जहां एक तरफ केतु को आध्यात्मिकता का कारक कहा गया है , वहीं केतु तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना, अंतर्दृष्टि, मर्मज्ञता, विक्षोभ के भी कारक है। इन्हें मंगल देवता जैसे परिणाम देने वाला भी कहा … Continue reading

सिंह लग्न की कुंडली में शनि – Singh Lagn Kundali me Shani (Saturn) :

सूर्य-पुत्र शनि मकर और कुम्भ राशि के स्वामी हैं । मेष राशि मंदगामी शनि देव की नीच व् तुला उच्च राशि है । सिंह लग्न कुंडली में मंदगामी शनि षष्ठेश , सप्तमेश होते हैं । अतः सूर्य देव के अति शत्रु कहे जाने वाले शनि देव इस लग्न कुंडली में एक मारक गृह हैं । … Continue reading

धनु लग्न की कुंडली में शनि – Dhanu Lagn Kundali me Shani (Saturn)

सूर्य-पुत्र शनि मकर और कुम्भ राशि के स्वामी हैं । मेष राशि मंदगामी शनि देव की नीच व् तुला उच्च राशि है । धनु लग्न कुंडली में मंदगामी शनि दुसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं । अतः शनि देव इस लग्न कुंडली में एक अति मारक गृह हैं । इस लग्न कुंडली के जातक … Continue reading

कन्या लग्न की कुंडली में शनि – Kanya Lagn Kundali me Shani (Saturn)

सूर्य-पुत्र शनि मकर और कुम्भ राशि के स्वामी हैं । मेष राशि मंदगामी शनि देव की नीच व् तुला उच्च राशि है । कन्या लग्न कुंडली में मंदगामी शनि पंचमेश , षष्ठेश होते हैं । अतः बुद्ध देव के मित्र कहे जाने वाले शनि देव इस लग्न कुंडली में एक कारक गृह हैं । यदि … Continue reading

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