ज्योतिष योग

ज्योतिष कुंडली में प्रेम विवाह योग – Love Marriage Yoga in Kundali

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  • ज्योतिष कुंडली में प्रेम विवाह योग – Love Marriage Yoga in Kundali कहा जाता है की जिस हृदय में प्रेम नहीं वो पाषाण है । खुदा की नेमत है प्रेम । यदि आपको प्रेम ही नहीं हुआ तो आपने व्यर्थ ही जीवन गवां दिया । पत्थर में भी फूल खिलाने की क्षमता रखता है प्रेम … Continue reading

    मीन लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Pisces/Meen

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  • मीन लग्न की कुंडली में चंद्र पंचम भाव के स्वामी हैं, लग्नेश गुरु के अति मित्र हैं । इस वजह से चंद्र इस कुंडली में एक योगकारक गृह जाने जाते हैं । वहीँ मंगल द्वितीयेश व् नवमेश होकर एक सम गृह गिने जाते हैं । इस लग्न कुंडली में चन्द्रमंगल दोनों ग्रहों की शुभ भावों … Continue reading

    कुम्भ लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Aqquarious/Kumbh

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  • कुम्भ लग्न की कुंडली में चंद्र छठे भाव के स्वामी हैं, लग्नेश शनि के अति शत्रु हैं । इस वजह से चंद्र इस कुंडली में एक मारक गृह माने जाते हैं । वहीँ मंगल तृतीयेश व् दशमेश होकर एक सम गृह गिने जाते हैं । इस लग्न कुंडली में चन्द्रमंगल दोनों ग्रहों की किसी भाव … Continue reading

    मकर लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Capricorn/Makar

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  • मकर लग्न की कुंडली में चंद्र सप्तम भाव के स्वामी हैं, लग्नेश शनि के अति शत्रु हैं । इस वजह से चंद्र इस कुंडली में एक मारक गृह माने जाते हैं । वहीँ मंगल चतुर्थेश व् एकादशेश हैं । इस वजह से मकर लग्न की कुंडली में मंगल एक सम गृह कहे जाते हैं । … Continue reading

    पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush Yoga – Panch Mahapurush Yoga

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  • यूंतो जन्मपत्री में अनेक प्रकार के योग बनते हैं जो अपने अपने स्वभाव अनुरूप जातक को सकारात्मक अथवा नकारात्मक परिणाम प्रदान करते हैं, परन्तु इनमे भी कुछ योग बहुत ही महत्वपूर्ण कहे गए हैं । यह योग जातक को मान प्रतिष्ठा तो प्रदान करते ही हैं साथ ही उसे सामाजिक भी बनाते हैं । ऐसा … Continue reading

    धनु लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Saggitarious/Dhanu

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  • धनु लग्न की कुंडली में चंद्र अष्टम भाव के स्वामी हैं । आप अच्छी तरह जान चुके हैं की आठवां घर त्रिक भाव होता है, शुभ नहीं माना जाता है । इस वजह से चंद्र इस कुंडली में एक मारक गृह बनते हैं । वहीँ मंगल पंचमेश व् द्वादशेश हैं, लग्नेश गुरु के मित्र भी … Continue reading

    वृश्चिक लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Scorpio/Vrishchik

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  • वृश्चिक लग्न की कुंडली में चंद्र नवम भाव के स्वामी हैं, एक योगकारक गृह बनते हैं । मंगल लग्नेश हैं और आठवें भाव के स्वामी हैं, इस वजह से मंगल एक अति योगकारक गृह बने । इस प्रकार चंद्र व् मंगल दोनों ही अपनी दशाओं में जातक को अधिकतर शुभ फल ही प्रदान करते हैं … Continue reading

    तुला लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Libra/Tula

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  • तुला लग्न की कुंडली में चंद्र दसवें भाव के स्वामी हैं । तुला लग्नं में एक सम गृह बनते हैं । मंगल दुसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं, इस वजह से मंगल एक अकारक गृह बने । इस प्रकार चंद्र व् मंगल दोनों ही अपनी दशाओं में जातक को अधिकतर अशुभ फल ही प्रदान … Continue reading

    कन्या लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Virgo/Kanya

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  • कन्या लग्न की कुंडली में चंद्र एकादशेश ( ग्यारहवें भाव के स्वामी ) हैं, साथ ही लग्नेश बुद्ध के शत्रु भी हैं । इसलिए एक अकारक गृह बनते हैं । मंगल तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं जिस वजह से मंगल भी एक अकारक गृह बने । इस प्रकार चंद्र व् मंगल दोनों ही … Continue reading

    सिंह लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Leo/Singh

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  • सिंह लग्न की कुंडली में चंद्र द्वादशेश होकर एक अकारक गृह बनते हैं । मंगल चौथे और नवें भाव के स्वामी हैं, इस लग्न कुंडली में एक अति योग कारक गृह हैं । इस प्रकार चंद्र अपनी दशाओं में अशुभ और मंगल शुभ फल प्रदान करने के लिए बाध्य हैं । सिंह लग्न की कुंडली … Continue reading

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