X

भगवान श्री राम का जन्मपत्री विश्लेषण Kundli Analysis of Bhagavaan Ram Horoscope

Jyotishhindi.in ज्योतिषहिन्दीडॉटइन के पाठकों को नमस्कार । महापुरुषों की कुंडली का अध्ययन किसी ज्योतिष प्रेमी के लिए क्या महत्व रखता है यह बताने की आवश्यकता नहीं है । बेशक ऐसी जन्मपत्रियां आदर्श होती हैं जो मानव चेतना के उत्थान का मार्ग प्रशस्त करती हैं । जितना चेतना का विकास होता है उतनी ही स्पष्टता से आप ज्योतिष की गहराइयों का आनंद ले पाते हैं और नए नए मोती निकालने में सक्षम होते हैं । आज हम भगवान् राम की जन्मकुंडली का विश्लेषण करने का साहस कर रहे हैं ।




भगवान् श्री की कुंडली में तीन पंचमहापुरुष योग हैं और दो गृह उच्च राशियों में स्थित हैं । यहाँ आपसे सांझा करते आगे बढ़ेंगे की पञ्च महापुरुष योग पांच ग्रहों गुरु शुक्र शनि बुद्ध व् मंगल में से किसी भी गृह के केंद्र में उच्च या स्वराशिस्थ होने पर बनता है । प्रस्तुत कुंडली में पांच में से तीन पंचमपुरुष योग बने हुए हैं और दो गृह उच्च के भी हैं ।

Also Read: पूर्पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush Yoga – Panch Mahapurush Yoga

अब देखने वाली बात है की प्रथम दृष्टया तो ऐसा प्रतीत होता है की यह किसी उच्च कोटि के महापुरुष की जन्मपत्री है जो अत्यंत शुभ दिखाई दे रही है । प्रश्न उठता है की यदि जन्मपत्री इतनी शुभ है तो इनके जीवन में इतना कष्ट क्यों आया । जानने का प्रयास करते हैं

पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे राम की लग्नकुंडली कर्क लग्न की है जिसके लग्न में ही उच्च के गुरु और चंद्र विराजमान हैं । लग्न में विराजित होकर गुरु हंस नामक पंचमहापुरुष योग का निर्माण भी कर रहे हैं और साथ ही लग्न में गुरु चंद्र के साथ होने से गजकेसरी योग भी बना हुआ है । ये दोनों ही राजयोग उच्च कोटि के हैं । स्वराशि का चन्द्रमा बहुत शुभ होता है ।

चतुर्थ भाव में शनि जो की वक्री भी हैं उच्च के होकर विराजमान हैं । अतः शनि के तुला में स्थित होने पर चतुर्थ भाव में भी शष नाम के पंचमहापुरुष योग का निर्माण हुआ है । सप्तमेश व अष्टमेश शनि का चतुर्थ भाव में होना श्री राम को घर से दूर लेकर गया । ज्योतिषीय नियम है की चतुर्थ भाव में शनि या क्रूर गृह का स्थित होना जातक को घर और घर के सुखों से दूर ले जाता है ।



आजानुबाहु राम के षष्ठ भाव में धनु राशि है जिसमे की राहु विराजमान हैं । छठा भाव राहु का कारक भाव होता है । ऐसा जातक पराक्रमी होता है और शत्रु इसके सामने ठहर नहीं पाते हैं ।

मर्यादा पुरुषोत्तम राम के सप्तम में उच्च के मंगल विराजमान हैं । मकर के मंगल केंद्र में स्थित होकर रूचक नामक पंचमहापुरुष योग बना रहे हैं । और साथ ही उच्च के गुरु और उच्च के मंगल एक दुसरे को देख रहे हैं जो अत्यंत शुभ है । ऐसा योग जातक को मर्यादित आचरण करने वाला बनाता है । यहाँ ध्यान देने योग्य है की इस जन्मपत्री में मंगल पंचमेश व् दशमेश होकर अत्यंत योगकारक गृह बने हैं जो केंद्र में अपनी उच्च राशि में स्थित हैं । यह मांगलिक दोष का निर्माण नहीं करता है ।

नवम भाव में सूर्य स्थित हैं । दुसरे भाव के स्वामी नवमस्थ सूर्य को उच्च के गुरु लग्न से नवम दृष्टि से देख रहे हैं । ऐसा जातक राजा होता है । और नवमस्थ सूर्य पिता से वियोग भी कराता है ।

चतुर्थेश व् एकादशेश शुक्र एक सौम्य गृह हैं जो नवम भाव में अपनी उच्च की राशि मीन में स्थित हैं । उच्च के शुक्र हैं । यह शुक्र धन धान्य, लक्ज़री व् सभी प्रकार के सुख प्रदान करने वाला होता कहा गया है । नवमस्थ शुक्र पर भी उच्च के गुरु की दृष्टि है जो अत्यंत शुभकारी है ।

दशम भाव में द्वादशेश व तृतीयेश बुद्ध है । यह बुद्ध सप्तमेश शनि को अपनी पूर्ण सप्तम दृष्टि से देख रहा है जो माता सीता के वन गमन का कारण बना । श्री राम ने माता सीता से महल में रहकर ही माता पिता की सेवा करने को कहा था परन्तु माता नहीं मानी और अपने स्वामी से साथ वन की पर प्रस्थान करने का निर्णय लिया ।

द्वादश भाव में केतु है जो सन्यासी बनाता है ।

हम ही सही हों ऐसा कतई आवश्यक नहीं है । हमने केवल अपना पॉइंट ऑफ़ व्यू आपके समक्ष पस्तुतु किया है । आप अपने आप विचार करें । अधिकतर कुंडलियां रेफ़्रेन्स से ही प्राप्त कर ली जाती हैं जो तर्क सांगत नहीं है । आप स्वयं विचारें की चैत्र मॉस की नवमी तिथि में चंद्र की स्थिति क्या रहती है वह सूर्य से कितनी दूरी पर होगा और इस प्रकार कौन से नक्षत्र में श्री राम जी का जन्म होना चाहिए । इसके साथ पांच ग्रह अपनी राशि और उच्च के हैं । इसके बाद दशाओं का विचार करें काफी कुछ आपके समक्ष प्रस्तुत हो जाएगा जो तर्कसंगत होगा । वाल्मीकि के श्लोक को ध्यान से पढ़ें बार बार पढ़ें और बुज़ुर्ग ज्योतिषियों से इस बारे में बात करें । स्वयं विचारें । श्री राम आपकी सहायता अवश्य करेंगे ।

आपके प्रश्नो अथवा जिज्ञासा का स्वागत है । ज्योतिषहिन्दीडॉटइन jyotishhindi.in के मैसेज बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते हैं । आपके पृष्ठों के यथासंभव समाधान के लिए हम संकल्पित हैं । जय सिया राम …..

Jyotish हिन्दी:
Related Post